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सरना धर्म महासम्मेलन के राजकीय महोत्सव का दर्जा हटाने की मांग

 

लुगुबुरू घांटावाड़ी धोरोमगाद समिति ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से प्रति वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संताल सरना धर्म महासम्मेलन को मिले राजकीय महोत्सव का दर्जा हटाने की मांग की है. साथ ही सम्मेलन के दौरान सरकारी परिसंपत्तियों का वितरण किये जाने का भी विरोध किया है. मंगलवार को समिति के अध्यक्ष बबूली सोरेन ने मुख्यमंत्री कार्यालय रांची में संबंधित पत्र दिया है. मंत्री चंपई सोरेन, पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद, डीसी बोकारो व एसडीओ बेरमो को भी पत्र भेजा है. पत्र में कहा कि लगुवुरु घाटाबाड़ी धोरोमगाढ़ विश्व भर के संताली आदिवासियों का महान तीर्थस्थल है. सदियों से यह ऐतिहासिक तीर्थस्थल संतालियों के आस्था का केंद्र है. वर्ष 2000 से वहां अंतरराष्ट्रीय संताल सरना धर्म महासम्मेलन का है. आयोजन होता आ रहा है. दस लाख से अधिक श्रद्धालु देश-विदेश से यहां पहुंचते हैं. वर्ष 2018 में राज्य सरकार द्वारा इसे राजकीय महोत्सव घोषित किया गया और हर वर्ष परिसंपत्तियों वितरण किया गया. इस बार भी इसकी तैयारी है. इसका समिति विरोध करती है. सरकारी परिसंपत्ति वितरण से हमारी धार्मिक आस्था को ठेस पहुंच रही है. यह हमारे धार्मिक धरोहर पर आघात है. इसलिए इस महान तीर्थस्थल को आस्था का केंद्र ही रहने दिया जाये और आयोजन का जिम्मा पूर्व की भांति समिति के हाथों में ही रहने दिया जाये पूर्व की भांति आयोजन को लेकर अनुदान दिया जाये. मरांग बुरू (पारसनाथ) व रजरप्पा आदिवासियों का एक प्रमुख धार्मिक धरोहर था. यह अब आदिवासियों के हाथों से निकल चुका । 




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